Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain – आज के समय मे 10 मे से 2 लोग की कुंडली मे कालसर्प दोष होता है और कई लोगो को तो पता भी नहीं होता की उनकी कुंडली मे कोई दोष है। और वह अपने जीवन कई तरह की परेशानियो का सामना करते रहते है। पूरी मेहनत करने के बाद भी उन्हे सफलता नहीं मिल पाती तो आज हम इसी दोष के बारे मे जानेंगे और कालसर्प दोष निवारण के उपाय भी आपको बताएँगे।
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कालसर्प दोष क्या है?
जब किसी जातक की कुंडली मे राहू और केतू के बीच सभी गृह आ जाते है तो इस स्थिति मे कुंडली मे काल सर्प दोष बनता है। माना जाता है की यह दोष आपके पिछले जन्म के कर्मो के कारण भी आपकी कुंडली मे हो सकता है। जिस किसी की कुंडली मे काल सर्प दोष होता है उसका जीवन बहुत परेशानियों भरा होता है।
कालसर्प दोष कितने प्रकार का होता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प दोष 12 प्रकार के होते है। जो की निम्नानुसार है।
- अनंत कालसर्प दोष
- वासुकि कालसर्प दोष
- कुलिक कालसर्प दोष
- शंखनाद कालसर्प दोष
- शेषनाग कालसर्प दोष
- शंखचूड़ कालसर्प दोष
- पद्म कालसर्प दोष
- महापद्म कालसर्प दोष
- तक्षका कालसर्प दोष
- कर्कोटक कालसर्प दोष
- विषधर कालसर्प दोष
- घातक कालसर्प दोष
कालसर्प दोष शांति के उपाय
- महामृतुंजय मंत्र का जाप 1,32,000 बार करने से या फिर कराने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
- शिवलिंग के अभिषेक करके भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है आपको गंगाजल, शहद और दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना होगा और उसके बाद बिलपत्र और फूल चढ़ाना होगा।
- आप दुर्गा सप्तशती का प्रतिदिन पाठ करके भी भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते है।
- सावन या शिवरात्रि मे भगवान शिव जी का रुद्राभिषेक करने से भी कालसर्प दोष को शांत किया जा सकता है।
- अगर आपको शीघ्र ही सरल तरीके से कालसर्प दोष से पूर्णत: मुक्ति चाहिए तो आप उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा करा सकते है।